Jai SRI RAM
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ । वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।
जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं।
Who is Swift as Mind and Fast as Wind, Who is the Master of the Senses and Honoured for His Excellent Intelligence, Learning and Wisdom, Who is Son of the Wind God and Chief among the Monkeys, To that Messenger of Sri Rama, I take Refuge.
(123) 456-7890
भगवान हनुमान का परिचय
गुणाकरं कृपाकरं सुशान्तिदं यशस्करम्। निजात्मबुद्धिदायकं भजेऽहमञ्जनीसुतम्॥
मैं अंजनी पुत्र की पूजा करता हूँ, जो गुणों का भंडार है, जो अत्यंत दयालु हैं, जो शांतिप्रद तथा गौरवशाली है और जो शाश्वत आत्म-ज्ञान के दाता हैं।
भगवान हनुमान हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय और पूज्यनीय देवताओं में से एक हैं। उन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है और वह भगवान राम के परम भक्त हैं। हनुमान जी अपनी अपार शक्ति, भक्ति, बुद्धिमत्ता और साहस के लिए जाने जाते हैं। वे रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक हैं, जिन्होंने भगवान राम की सहायता से सीता माता को रावण के चंगुल से छुड़ाया।
प्रतीकवाद:
- शक्ति और भक्ति: हनुमान जी शारीरिक शक्ति, दृढ़ता और भक्ति का प्रतीक हैं।
- निःस्वार्थता: वह निःस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं, क्योंकि उन्होंने सदैव भगवान राम की सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य माना।
रक्षक: हनुमान जी की पूजा नकारात्मक शक्तियों और भय से सुरक्षा के लिए की जाती है।
यहां गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित भगवान हनुमान जी पर आधारित पुस्तकों की सूची दी गई है। ये पुस्तकें हनुमान जी की भक्ति, शक्ति, और उनसे जुड़ी आध्यात्मिक शिक्षाओं पर केंद्रित हैं:
तुलसीदास द्वारा रचित एक प्रसिद्ध भक्ति काव्य है, जो भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया है। इसमें 40 चौपाइयों के माध्यम से हनुमान जी की शक्ति, पराक्रम, और राम भक्त के रूप में उनकी अद्वितीय भूमिका का वर्णन किया गया है। यह भक्तों में साहस, शांति, और विश्वास भरने के साथ-साथ भय और नकारात्मकता को दूर करने का माध्यम माना जाता है। हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से मानसिक शांति, साहस की वृद्धि, और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है। यह भक्तों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय और पवित्र माना जाता है।
संकट मोचन का अर्थ है "संकटों को हरने वाला," और यह विशेषण भगवान हनुमान को दिया गया है, जो भक्तों के कष्टों को दूर करने में समर्थ माने जाते हैं। हनुमान जी का उल्लेख रामायण में संकट मोचन के रूप में आता है, जहाँ उन्होंने भगवान राम और भक्तों के लिए कठिनाइयों का समाधान किया। वह शक्ति, साहस और भक्ति के प्रतीक हैं, जो भक्तों के जीवन से नकारात्मकता दूर करने में सहायक होते हैं। संकट मोचन हनुमान अष्टक और हनुमान चालीसा उनके स्मरण का लोकप्रिय माध्यम हैं।
बजरंग बाण भगवान हनुमान की स्तुति में रचित एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जिसे संकटों और बुरी शक्तियों से बचाव के लिए पढ़ा जाता है। इसे हनुमान जी के विशेष कवच के रूप में माना जाता है, जो शत्रुओं को परास्त करने और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाने में सहायक है। बजरंग बाण का नियमित पाठ साहस, आत्मबल और निडरता का संचार करता है। यह हनुमान भक्तों में अत्यंत लोकप्रिय है, क्योंकि इसमें हनुमान जी की शक्ति और तेज को बुलाते हुए बुराइयों से रक्षण की प्रार्थना की गई है।